लखनऊ में ‘आओ निखारे प्रतिभा’ में विभिन्न प्रकार के प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम

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(सन्तोष उपाध्याय)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष में क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय पर्यटन निर्देशालय उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, नव अंशिका फाउंडेशन और थिएटर एंड फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान मंे लखनऊ नाट्य समारोह के अंतर्गत द्वितीय दिवस पर एंटी क्राइम एंटी करप्शन ट्रस्ट, हरी एस0 फाउंडेशन एवं रुद्र कला एकेडेमी के संयुक्त प्रयास में आओ निखारंे प्रतिभा में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गये। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता और जज की भूमिका में कथक नृत्यांगना मानसी गिरी जी के द्वारा निभाई गई। कार्यक्रम में बच्चों के द्वारा गीत, नृत्य, नाटक, फैशन शो, रंगोली, पोस्टर प्रतियोगिता, गणतंत्र दिवस कार्ड प्रतियोगिता, टेस्टी फूड बेबी सो, ढोलक प्रतियोगिता और बड़े प्रतिभागियों के द्वारा नृत्य और गायन का प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम में ‘यूथ हास्टल एसोसिएशन आफ इंडिया’, उत्तर प्रदेश राज्य शाखा की शान-ए- अवध इकाई के द्वारा कार्यक्रम ‘शान-ए-अवध के रंग’- ‘उत्तर प्रदेश दिवस के संग’’ का आयोजन किया गया। कलाकारों में अरशद आजम ने गीत ‘किसका रास्ता देखे ऐ दिल’, नवीन वर्मा ने ‘दिल एक मंदिर है प्यार का’, मो.अजीम खान ‘मेरे दोस्त किस्सा हाँ क्या हो गया सुना है के तो बेवफा हो गया’ लक्ष्मी श्रीवास्तव ने ‘दिल दीवाना बिन सजना के माने ना’, पार्थ श्रीवास्तव ने ‘खामोशियां आवाज है तुम सुनने तो आओ कभी’ आशुतोष सिंह ने फिल्म बगावत का गीत ‘ओ मेरी महबूबा, महबूबा महबूबा, तुझे जाना है तो जा तेरी मर्जी मेरा क्या’, डा. पूणिर्मा ने ‘आज कल पांव जमीन पर नहीं पड़ते मेरे’, समर अहमद फिल्म खूशबू का गीत ‘ओ मांझी रे’ गाया, श्याम भारद्वाज ने फिल्म याराना के गीत ‘छूकर मेरे मन को’, सुशील श्रीवास्तव, शैलेन्द्र मोहन ने भी गीत गाकर सबकी वाहवाही ली। अमित अरोड़ा ने रीमिक्स गीतों को गाकर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। मंगला श्रीवास्तव एवं चंद्रभूषण अग्रवाल ने लावड़ी मराठी लोकनृत्य एवं दीप्ति सक्सेना एवं चंद्रभूषण अग्रवाल ने उत्तराखंडी लोकनृत्य प्रस्तुत कर सबकी सराहना बटोरी। एन्टी क्राइम एन्टी करप्शन ट्रस्ट के चेयरमैन शैलेन्द्र मोहन ने बताया कि उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष में हमें यह अवसर प्राप्त हुआ है कि हम बच्चों के अंदर कुछ अच्छे विचारों को रोप सकें ताकि वे समाज में अपनी योग्यता को अच्छी भावना के साथ सबके सामने ला सकें। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम उन लोगों को मंच पर लाना चाहते हैं या मंच उपलब्ध कराना चाहते हैं जिनके अंदर प्रतिभा तो है लेकिन वह सही मंच ना पा करके अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने में नाकाम रहे हैं। हम माननीय मुख्यमंत्री जी के लक्ष्य को पूरा करने में अपनी पूरी शक्ति लगा देंगे ताकि प्रदेश में छुपी प्रतिभाओं को देश ही नही विश्वपटल पर दिखा सकें।’ हरी एस0 फाउंडेशन के अध्यक्ष जीतू राजपूत ने बताया कि बच्चों के अंदर व्याप्त भय को समाप्त कर उनको सही दिशा निर्देश देकर समाज के सम्मुख लाना और उनकी प्रतिभा को मंच के माध्यम से उच्च स्थान पर ले जाना है। रुद्र कला एकेडमी की संचालिका निधि तिवारी ने बताया कि हम सभी मिलकर पूरे मण्डल में ‘आओ निखारे प्रतिभा’ कार्यक्रम के माध्यम से जगह-जगह जाकर प्रतियोगिताओं के माध्यम से छुपी हुई और अवसर न पाने वाली प्रतिभाओं को आगे लाकर उनको मंच प्रदान करेंगे ताकि (माननीय प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी का लक्ष्य कि हर व्यक्ति में छुपी उनकी विलक्षण कला को रोजगार में परिवर्तित करना है) उनका भविष्य बेहतर हो सके नृत्य प्रतियोगिता में आयुष चैहान, वंश राजपूत, लवकुश कुमार, यशस्वी श्रीवास्तव, शाइनी श्रीवास्तव, प्रियांशी शर्मा और लाभांशी बाजपेयी ने भाग लिया। थिएटर एवं फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव दबीर सिद्दीकी जी का प्रयास है कि उत्तर प्रदेश के सभी नई संस्थाओं के कलाकारों को मंच मिले और उनके प्रतिभा को निखार कर एक नई पहचान बनाई जा सके। नवअंशिका फाउंडेशन की अध्यक्षा नीशू त्यागी जी का प्रयास होगा कि उत्तर प्रदेश के हर जिले में यूपी दिवस के उपलक्ष में संपूर्ण उत्तर प्रदेश में जिले की जितने भी प्रतिभाएं हैं।
उनको आओ निखारे प्रतिभा के माध्यम से उनको मंच देकर उनको आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी को कला और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सके। ‘उत्तर प्रदेश दिवस-2023’ पर आयोजित कार्यक्रमों में बही गीत- संगीत और नृत्य की बयार। ‘खामोशियां आवाज है तुम सुनने तो आओ कभी’ गाकर पार्थ श्रीवास्तव ने सराहना बटोरी।

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