जिलाधिकारी ने की हर सप्ताह एंटी मास्क्यूटो ड्राई डे मनाने की अपील

RAJNITIK BULLET
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(राममिलन शर्मा)
रायबरेली। जिलाधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव ने सप्ताह में एक दिन एंटी मास्क्यूटो ड्राई डे हर रविवार मच्छर पर वार के रूप में मनाये जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि डेंगू से बचाव, डेंगू के इलाज से श्रेयस्कर है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 वीरेन्द्र सिंह को निर्देश दिये कि जनपद में फागिंग एंटीलार्वा के छिड़काव तथा डेंगू एवं बुखार के रोगियों के उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव ने कहा कि डेंगू बुखार एक आम संचारी रोग है इसकी मुख्य विशेषताएं हैं- तीव्र बुखार, अत्याधिक शरीर दर्द तथा सिर दर्द यह एक ऐसी बीमारी है, जिसे समय-समय पर इसे महामारी के रूप में देखा जाता है। वयस्कों के मुकाबले बच्चों में इस बीमारी की तीव्रता अद्दिक होती है तथा काफी लोगों को प्रभावित करती है। यह डेंगू वायरस (विषाणु) द्वारा होता है। जिसके 4 विभिन्न प्रकार है (टाइप- 1,2,3,4) आम भाषा में इस बीमारी को हड्डी तोड़ बुखार, कहा जाता है क्योकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है। मलेरिया की तरह डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है। इन मच्छरों को एडीज मच्छर कहते है, और दिन में काटते है भारत में यह रोग बरसात के मौसम में तथा उसके तुरन्त बाद महीने (जुलाई से अक्टूबर) में सबसे अधिक होता है। डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है, जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी रोगी का खून चूसता है, तो डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। मच्छर के शरीर में ही डेंगू वायरस का कुछ और दिनों तक विकास होता है। जब डेंगू वायरस युक्त मच्छर किसी स्वास्थ्य व्यक्ति को काटता है। तो डेंगू वायरस उस व्यक्ति के शरीर में पहुँच जाता है। इस प्रकार व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है तथा कुछ दिनों के बाद उसमें डेंगू बुखार के लक्षण प्रकट हो सकते है।
मच्छरों से बचाव हेतु क्या करें- डेंगू का मच्छर साफ एवं ठहरे पानी में पनपता है। इसलिये पानी की टंकियो को ठीक से बन्द होने वाले ढक्कनों से ढके कूलर के पानी को प्रति सप्ताह हटा कर कूलर रगड़ कर साफ करें। ये मच्छर दिन में काटता है इसलिये पूरी अस्तीन की शर्ट, फुल पेन्ट, (लड़कियांे के लिये पूरी अस्तीन का कुर्ता /शर्ट/स्टोकिंग) व जूता मौजा पहने दरवाजा, खिड़कियों और रोशनदानों में मच्छर रोधी जाली लगाये। गमले के नीचे रखी प्लेट, पशु पक्षी के पीने का पानी, छत पर कबाड़ व पुराने टायर, फ्रिज के पीछे की ट्रे, टूटे बर्तन में जमा पानी को पूरी तरह से हटा दे। मच्छर भगाने वाली क्रीम ऐरोसाल, क्वायल एवं मच्छर दानी का प्रयोग कर बुखार होने पर पेरासिटामोल टैबलेट, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें और आराम करें। क्या ना करे घर और घर के आसपास टूटे सामान टायर, बर्तन, या अन्य किसी पात्र में पानी का ठहराव ना होने दे। – डेंगू रोग की पहचान हेतु केवल प्लेटलेट्स की संख्या पर निर्भर न करें। डेंगू रोग हेतु कोई विशेष औषधि नहीं है, स्वयं दवाई न लें, बुखार होने पर राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सक की सलाह से ही दवा का सेवन करें। एस्प्रिन एवं बूफेन का प्रयोग ना करें। अस्पताल में चिकित्सक की सलाह ना होने पर भर्ती हेतु जबरदस्ती ना करें।

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