(अरविंद कुमार) उरई (जालौन)। चिकित्सा इकाइयों के गुणवत्ता संवंर्धन और नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड एनक्यूएएस (एनक्वास) योजना में प्रतिभाग के लिए जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित कर दिया है और उन्हे स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए है जनपदीय परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस डा. अरुण कुमार राजपूत ने बताया कि जिला अस्पताल के लिए एडीएम न्यायिक और सीएमएस को नोडल बनाया गया है। महिला अस्पताल के लिए एडीएम नमामि गंगे और सीएमएएस को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसी तरह सीएचसी कदौरा के लिए एसडीएम कालपी और एसीएमओ आरबीएसके, सीएचसी माधौगढ़ के लिए एसडीएम माधौगढ़ और जनपदीय परामर्शदाता क्वाटिली एश्योरेंस, पीएचसी कुठौंद के लिए खंड विकास अधिकारी कुठौंद और एसीएमओ क्वालिटी एश्योरेंस को, पीएचसी शेखपुर बुजुर्ग के एसडीएम जालौन और एसीएमओ स्टोर को, पीएचसी भेड़ के लिए एसडीएम कोंच व जिला क्षय रोग अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है उन्होंने बताया कि इसी तरह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचएंडडब्लू) के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए है। एचएंडडब्लू खर्राके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक व डीसीपीएम, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर मई के लिए बीएसए और डीपीएम, मिझौना के लिए जिला विकास अधिकारी और परामर्शदाता मातृत्व स्वास्थ्य, बाबली के लिए जिला कृषि अधिकारी और एसीएमओ क्वालिटी एश्योरेंस, क्योलारी के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी और जिला क्षय रोग अधिकारी, सरसेला के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी और एसीएमओ स्टोर, इटौरा के लिए जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी और जनपदीय परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस, हेल्थ एंड वेलनेस मिनौरा कालपी के लिए परियोजना निदेशक और स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया कि सभी नामित अधिकारियों को कहा गया है कि वह चिकित्सा इकाइयों का भ्रमण कर कमियों को दूर करें। प्रशासनिक नोडल अधिकारियों का दायित्व होगा कि वह निर्धारित चेकलिस्ट के अनुसार चिह्नित गैप को दूर करने की कार्यवाही सुनिश्चित करे। इसकी जिलाधिकारी द्वारा इकाईवार प्रगति की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने बताया कि एनक्वास पुरस्कार योजना के तहत निर्धारित चेकलिस्ट में जो बिंदु होते है, उन्हें पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है।
प्रशासनिक और चिकित्सा अधिकारी दूर करेंगे चिकित्सकीय इकाइयों की समस्याएं
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