धनशोधन मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत की जमानत याचिका पर बहस पूरी

RAJNITIK BULLET
0 0
Read Time3 Minute, 44 Second
Oct 21, 2022
महाराष्ट्र की पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना से जुड़े धनशोधन मामले में यहां की एक विशेष अदालत में शिवसेना सांसद (उद्धव गुट) संजय राउत की जमानत याचिका पर शुक्रवार को बहस पूरी हो गई। हालांकि, मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लिखित दलील देने के लिए समय मांगा।
पिछले महीने, शिवसेना नेता ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) से संबंधित विशेष अदालत से जमानत मांगी थी। जांच एजेंसी ने अदालत में दावा किया है कि अब तक संजय राउत को अपराध की कमाई से 3.27 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। सिंह ने ईडी के इस दावे को दोहराया कि शिवसेना नेता अपने सहायक एवं मामले के सह-आरोपी प्रवीण राउत के जरिये पर्दे के पीछे से काम कर रहे थे। हालांकि, राउत के वकील अशोक मुंदरगी ने दलील दी थी कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि राज्यसभा सदस्य ने किसी भी समय पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं औरलेनदेन से संबंधित है, जिसमें कथित तौर पर उनकी पत्नी एवं कई सहयोगी शामिल हैं। पात्रा चॉल के नाम से मशहूर सिद्धार्थ नगर उपनगरीय गोरेगांव में 47 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें 672 किरायेदार परिवार हैं। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने 2008 में हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) की एक सहयोगी कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को चॉल के लिए एक पुनर्विकास अनुबंध सौंपा था। जीएसीपीएल को किरायेदारों के लिए 672 फ्लैट बनाने और कुछ फ्लैट म्हाडा को देने थे। शेष जमीन निजी डेवलपर्स को बेचने के लिए मुक्त थी।

Next Post

भ्रष्टाचार के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को जमानत देने से अदालत का इनकार

Oct […]
👉