फसल बीमा व उद्योगों की स्थापना के लिए किसानों को जिलाधिकारी ने किया प्रेरित

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(संतोष उपाध्याय)
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में दिन बुधवार को प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेंट आफ काप रेजीइयू योजना (फसल अवशेष प्रबन्द्दन) एवं जनपद स्तरीय रवी उत्पादक ता गोष्ठी- 2022 का आयोजन सूर्य पाल गंगवार, जिला धिकारी लखनऊ की अध्यक्षता में विकास भवन स्थिति सभागार में किया गया। गोष्ठी में जिलाधिकारी का स्वागत पुष्प गुच्छ भेट कर के किया गया। गोष्ठी में ए0के0 मिश्रा उप कृषि निदेशक, लखनऊ- द्वारा रबी- 2022 की रणनीति के बारे में जानकारी विस्तृत रूप से कृषकों को दी एवं खरीफ में पराली प्रबन्द्दन पर चर्चा की गयी। पराली प्रबन्धन पर प्रयुक्त होने वाले यंत्रों यथा बेलर एवं मत्थर के प्रयोग पर बल दिया गया। पराली प्रबन्धन पर आद्दारित एक लघु फिल्म (वीडियो) का प्रदर्शन कर कृषको को प्रेरित किया। टी0 बी0 सिंह, जिला कृषि अद्दिकारी द्वारा कृषको को जानकारी दी गयी कि जनपद में रही कृषि निवेश पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, साथ ही राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर तिलहनी एवं दलहनी फसलों के निःशुल्क मिनीकिट उपलब्ध है जो कि जिन कृषकों की खरीफ में फसल सूखा/अधिक वर्षा के कारण फसल नष्ट हो गयी है उन कृषकों को प्राथमिता पर बीज उपलब्ध कराये जायंेगे। कृषकों को तिलहनी एवं दलहनी फसलों के क्षेत्रफल को बढ़ाने हेतु प्रेरित किया गया। मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती रिया केजरीवाल ने बताया कि जो कृषक कृषि के साथ-साथ अपनी इच्छा के अनुसार कोई कुटीर उद्योग जैसे केले के चिप्स, केले का पाउडर आदि (आय जनित गतिविधि) से जुड़कर अपनी आमदनी को बढ़ाना चाहता है तो वह बैंक से ऋण लेकर महिला लाभार्थी हेतु 35 प्रतिशत अनुदान एवं अन्य के लिये 25 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था है इस हेतु इच्छुक कृषकों को सूचीबद्ध कर अलग से बैठक कर बिजनेस प्लान बनाने हेतु प्रोत्साहित किया गया। गोष्ठी में जिलाधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बारीकियों के बारे में विस्तार से बीमा कर्मियों की समीक्षा करते हुये कृषकों को अवगत कराया गया कि विगत दिनों में हुई भारी वर्षा से हुये नुकसान का सर्वे/ आकलन बीमा कम्पनी द्वारा कराया जाये। न्याय पंचायत स्तर पर आवश्यकता होने पर 10-10 प्रगतिशील कृषकों की टीम बनायी जाये जो वर्षा से हुये नुकसान सर्वे/आकलन में सहयोग करेगी, जिससे पारदर्शिता भी बनी रहेगी। गोष्ठी में जिलाधिकारी द्वारा बीमा योजना के तहत बीमित किसानों की संख्या की जानकारी बीमा कम्पनी के पदाधिकारियों से मांगी गई। जिसके सम्बन्ध में बीमा कम्पनी के पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि कुल 13489 किसानों का बीमा कराया गया है और सभी का प्रीमियम प्राप्त हो गया है। जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा बीमा कम्पनी के पदाद्दिकारी से बीमित किसानों को जारी किए गए प्रमाण पत्रों की संख्या की जानकारी मांगी गई। बीमा कम्पनी द्वारा बताया गया कि सभी किसानों को प्रमाण पत्र नहीं उपलब्द्द कराए गए है। जिसके सम्बन्द्द में जिला- द्दिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि अगले 2-3 दिन में सभी 13489 किसानों को बाई पोस्ट बीमा का प्रमाण पत्र और बीमा कराने की प्रक्रिया की बुकलेट उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। अगले 5 दिनों में ग्राम में जाकर जिलाधिकारी द्वारा इसका निरीक्षण किया जाएगा कि कितने किसानों को प्रमाण पत्र मिला है या नही। उक्त के साथ ही पराली प्रबन्द्दन/ फसल अवशेष प्रबन्धन के अन्तर्गत किसानों से अपील की गई कि वह स्वयं अपने खेतों में पराली न जलाएं व अपने आस-पास के कृषकों को प्रेरित करें कि पूरे ग्राम मे पराली जलने की कोई भी घटना न होने पाए। गोष्ठी में आये समस्त कृषको को पराली न जलाने की शपथ दिलाई गयी साथ ही सभी किसानों को आगाह किया गया कि रोक के बावजूद यदि किसी के द्वारा पराली जलाने की घटना हुई तो शासन द्वारा राष्ट्रीय हरित अभिकरण के निर्देशानुसार अर्थ दण्ड लगाया जाएगा। गोष्ठी में जिलाधिकारी द्वारा किसानों को पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावांे के बारे में जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से निकलने वाला द्दुंआ भविष्य में आपके और आपके बच्चों के लिए बहुत ही हानिकारक साबित होगा। उक्त के साथ ही पराली जलाने से थ्प्त् और जुर्माना तो होगा ही साथ ही सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं और सब्सिडी से भी वंचित हो जायेगें। इस लिए सभी लोग शपथ ले कि न तो खुद पराली जलाएंगे और न ही किसी को जलाने देगे और यदि कोई नही मानता है तो उसकी सूचना प्रशासन को देना सुनिश्चित करे। साथ ही जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिन किसानों के पास पराली निस्तारण की सुविधा नही है वह किसान अपनी पराली को गौशालाओ में सेवाभाव से दान भी कर सकते है। गोष्ठी में जिला धिकारी द्वारा बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो लोग स्व रोजगार के इच्छुक है उनके लिए सरकार द्वारा अत्यंत लाभकारी योजना शुरू की गई है। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद लखनऊ को औधोगिक जिला बनाने की दिशा में एक अनूठी पहल की जा रही है। जिसमे उद्योगो को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी देते हुए ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसमे उद्योग की स्थापना करने हेतु सामान्य वर्ग के पुरुष को 10ः और किसानों/अन्य सभी को 5ः अपना पैसा लगाकर उद्योग की स्थापना की जा सकती है। बाकी पैसा बैंक द्वारा ऋण के तौर पर लाभार्थी को उद्योग की स्थापना के लिए दिया जाता है। जिलाधिकारी ने बताया कि जो किसान भाई यूनिट लगाने के इच्छुक है उनको प्रशासन की तरफ से प्रोजेक्ट रिपोर्ट और वह जो उद्योग लगाना चाहते है उसकी ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराई जाएगी। उक्त के साथ ही उद्योगों की स्थापना के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। यही नहीं उद्योग स्थापना के बाद भी बनाए गए उत्पाद की बिक्री हेतु ई-कामर्स प्लेट फार्म से बीबी टाई अप कराया जाएगा। गोष्ठी में जिला- द्दिकारी द्वारा उद्यम सारथी ऐप के बारे में भी जानकारी दी गई। जिलाधिकारी द्वारा गोष्ठी में आए हुए समस्त किसानों से अपेक्षा की गई के सभी उद्योग लगाने के इच्छुक लोगों को उक्त ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रेरित किया जाए। जिलाद्दि- कारी द्वारा बताया गया कि उक्त ऐप पर विभिन्न छोटे बड़े प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी और 100 से अधिक माडल के क्च्त् रेडी है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद लखनऊ में लगभग 1000 ग्राम है, हम यह योजना बना रहे है कि हर ग्राम में कम से कम 10-10 उद्योगों की स्थापना कराते हुए विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा सके। गोष्ठी में उपस्थित दलहन एवं तिलहन के कृषकों को निःशुल्क सरसों एवं मसूर के मिनीकिट वितरित किये गये। अन्त में उप कृषि निदेशक, लखनऊ द्वारा गोष्ठी में आये कृषक बन्धुओं अधिकारियों एवं वरिष्ठ वैज्ञानिकों को द्दन्यवाद ज्ञापित करते हुये गोष्ठी के समापन की घोषणा की गयी।
गोष्ठी में मुख्य विकास अधिकारी, तहसीलदार मोहन लालगंज, डा0 ए0के0 दुबे वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र लखनऊ, एके मिश्रा. उप कृषि निदेशक, लखनऊ, टी0बी0 सिंह, जिला कृषि अद्दिकारी, विनय सिंह जिला कृषि रक्षा अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी एवं अन्य जनपदीय अधिकारियों द्वारा तथा जनपद के विभिन्न विकास खण्डों से आये लगभग 150 कृषको व क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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