(संतोष उपाध्याय) लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में बाढ़ के संभावित प्रकोप को देखते हुए अतिसंवेदनशील, संवेदनशील प्रभावित क्षेत्रों में आकस्मिकता की स्थिति से निपटने के लिए की गईं तैयारियों की समीक्षा एडीजी पीएसी डाक्टर केएस प्रताप कुमार ने की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एडीजी पीएसी की 18 वाहिनियों व एसडीआरएफ कमांडेंट, सेक्टर डीआईजी, जोन आईजी से रूबरू हो रहे थे। ज्ञात हो 29 जून को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आहूत बैठक में बाढ़ से निबटने का खाका तैयार गया था।
जिसे अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी पीएसी प्रमुख पर है। दिन गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में उन्होंने बाढ़ से निपटने के लिए उपकरणों की स्थिति, उपलब्धता, प्रशिक्षण, जन शक्ति तथा रेस्क्यू के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी ली। निचले इलाके जहां बाढ़ की विकरालता व्यापकता ओढ लेती है वहां विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई। बाढ़ के दौरान पिछले वर्ष भी धरातल पर की गई तैयारियों की वजह से जनहानि नहीं हो पाई थी जिसे दोहराने की जरूरत बताई।
बैठक के दौरान आईजी कविंद्र प्रताप सिंह, आशुतोष कुमार सिंह, पीएसी मध्य जोन की आईजी अर्पणा कुमार, सेनानायक 32 वीं वाहिनी जयप्रकाश सिंह, एसडी आर एफ कमांडेंट डाक्टर सतीश कुमार एवं मुख्यालय के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। बैठक को संबोधित करते एडीजी डाक्टर के एस प्रताप कुमार और उपस्थित अन्य वरिष्ट अधिकारीगण ने अपना संबोधन किया और साथ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान प्रदेश भर से अधिकारी रहे जिन्होंने में अपने जिले से सम्बंधित जानकारी दी।
एडीजी पीएसी ने की बाढ़ तैयारियों की समीक्षा
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