(संतोष उपाध्याय) सरोजनीनगर। उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां भ्रष्टाचार अपराध पर जीरो टालरेंस की नीति पर कार्य कर रहे हैं और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जिनके पास स्वास्थ्य विभाग है लगातार जनहित में प्रदेश के चिकित्सालयो में भ्रमण कर औचक निरीक्षण करते हुए प्रभावी कार्यवाही करा रहे हैं। वहीं राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर स्थित केजीएमयू संबद्ध प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में घोर अनियमितताओं का मकड़ जाल फैला हुआ है । यहां पर चिकित्सा प्रभारी के रूप में वर्ष 2015 अप्रैल माह में डाक्टर नीरज गुप्ता फतेहपुर से उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर तैनात किए गए थे । वर्तमान में इस चिकित्सालय की चिकित्सीय व्यवस्था कौन देख रहा है, केजीएमयू से लेकर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं एवं सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य सहित किसी को भी कोई जानकारी नहीं है। आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा जन सूचना के माध्यम 20 अक्टूबर 2021 को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य से जानकारी की गई कि उक्त चिकित्सा अधिकारी अब कहां है और पीएचसी सरोजनी नगर का प्रभारी कौन है के संबंध में उनके द्वारा जवाब दिया गया इसकी जानकारी महानिदे- शक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा द्वारा उपलब्ध कराई जाए। महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य द्वारा जवाब आया उक्त सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ उपलब्ध कराएं उसके बाद वहां से जवाब आया उक्त सूचना अपर निदेशक कार्मिक उपलब्ध कराएं। इस तरह जनसूचना अधिकार अधिनियम का किसी प्रकार की सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई । इसके साथ ही केजीएमयू से चिकित्सालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों के संबंध में जानकारी की गई उन्होंने भी कोविड का हवाला देते हुए किसी कर्मचारी के संबंध में कार्य से संबंधित कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई। इस चिकित्सालय में कोई महिला चिकित्सक न होने पर भी महिलाओं का इलाज और प्रसव कार्य बराबर हो रहा हैं किन्तु किसकी देखरेख में पता नही। यहां पर कोई फार्मेसिस्ट नहीं है फिर भी औषधियों का वितरण हो रहा है । यहां पर कोई एलटी नहीं है फिर भी सभी प्रकार की जांचे हो रही है यह सभी कार्य किसके द्वारा संपादित हो रहे है इस संबंध में शायद कोई अधिकारी जानकारी देना उचित नहीं समझता। यहां तक कि जनसूचना में यह तक नहीं बताया जा सका वर्तमान में इस चिकित्सालय का चिकित्सा प्रभारी कौन है इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा 10 मार्च 2022 को इन सूचनाओं के संबंध में राज्य सूचना आयोग में अपील की गई जिसमें 13 मई को मुख्य सूचना आयुक्त भवेश सिंह के यहां हुई सुनवाई में 15 दिनों के भीतर पुनःआवेदक अपीलकर्ता से पुनः जन सूचना पत्र प्राप्त कर सूचना देने हेतु आदेशित किया गया साथ ही अगली सुनवाई हेतु 29 सितंबर निर्धारित की गयी है।
बिना महिला चिकित्सक के हो रहे महिलाओं के स्त्री व प्रसूति रोग चिकित्सीय कार्य
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