बीड जिले के परली कोर्ट ने राज ठाकरे के खिलाफ जारी किया गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। इसके साथ ही उनके खिलाफ एक एनजीओ संचालक की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका भी दायर की गई है। इससे पहले भी ठाकरे पर एक अन्य मामलों में गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है जिसमें महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ 1 मई, 2022 की औरंगाबाद रैली के संबंध में देशद्रोह और उपद्रव पैदा करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका पुणे के एक कार्यकर्ता हेमंत पाटिल द्वारा दायर की गई थी और आज तत्काल सुनवाई के लिए इसका उल्लेख किए जाने की संभावना है। अपनी याचिका में एनजीओ चलाने वाले पाटिलने कहा कि ठाकरे ने 1 मई को औरंगाबाद में एक रैली का आयोजन किया जिसमें उन्होंने राकांपा प्रमुख शरद पवार के खिलाफ बात की, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में अशांति हो सकती है जिससे राज्य में शांति भंग हो सकती है। उन्होंने मनसे प्रमुख के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की। ठाकरे ने 1 मई को अपनी रैली के दौरान, राकांपा प्रमुख पर “महाराष्ट्र को जाति की राजनीति में विभाजित करने” का आरोप लगाया था और यह भी कहा था कि पवार नास्तिक हैं। लउनके भाषण के बाद औरंगाबाद पुलिस ने उनकी रैली के वायरल वीडियो को देखकर मनसे प्रमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।