10 साल की धाकड़ धावक काजल एक बार फिर से निकली अपने मिशन पर

RAJNITIK BULLET
0 0
Read Time4 Minute, 51 Second

(विवेक तिवारी) राय बरेली। प्रयागराज संगम नगरी के छोटे से गांव ललितपुर मांडा की 10 साल की धाकड़ धावक काजल एक बार फिर से अपने मिशन पर निकल पड़ी है। पिछले वर्ष इंदिरा मैराथन में हिस्सा लेकर सुर्खियों में आई कक्षा 4 की छात्रा काजल ने इस बार 210 किलोमीटर प्रयागराज से दौड़ती हुई लखनऊ जा रही है। काजल को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मिलकर उन लोगों की शिकायत करनी है। जिन्होंने उसे इंदिरा मैराथन में सम्मानित नहीं किया। पिछले साल इंदिरा मैराथन में दौड़ में हिस्सा लिया था। लेकिन उम्र कम होने के कारण जिला प्रशासन ने कोई पुरस्कार नहीं दिया था। क्योंकि जिला प्रशासन की मानें तो 18 साल व उससे अधिक उम्र के लोग ही मैराथन में हिस्सा ले सकते हैं। 10 साल की काजल निषाद ने रविवार को प्रयागराज सुभाष चैराहे से लखनऊ की दौड़ शुरू की थी। आज वह तीसरे दिन बुधवार की सुबह 101 किलोमीटर दौड़ कर जगतपुर कस्बे में पहुंची जहां पर शिक्षकों ने बिटिया को माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर उच्च प्राथमिक विद्यालय जगतपुर प्रधानाध्यापक सत्यदेव सिंह, संजय सिंह, अमित कुमार सिंह, आदि मौजूद रहे। अपने प्रशिक्षक रजनीकांत की देखरेख में काजल 210 किलोमीटर दौड़ लगाकर लखनऊ पहुंचेगी। काजल ने पिछले साल इंदिरा मैराथन में भाग लिया और दौड़ पूरी की काजल इंदिरा मैराथन में व्यक्तिगत स्तर पर दौड़ लगाकर चर्चा में आई थी। तीन बहनों में सबसे छोटी है। काजल प्रयागराज संगम नगरी के छोटे से गांव ललितपुर मांडा की।
काजल के पिता नीरज बिंद रेलवे में प्वाइंटसमैन के पद पर कार्यरत हैं। इनकी तीन बेटियों में सबसे छोटी काजल है। लखनऊ के लिए निकली काजल को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धाविका कि उसका सपना पूरा करने में हर संभव मदद करेंगे। सिविल लाइंस प्रयागराज से दौड़ शुरू करने वाली काजल ने पत्रकार समाज कल्याण समिति जिला महासचिव रायबरेली दीपक कुमार से बातचीत में बताया है कि पिछले साल इंदिरा मैराथन में वह 14 वें स्थान पर आई थी।
लेकिन उसको मैराथन के आयोजक और प्रशासन ने कोई सम्मान नहीं दिया। काजल जिस स्कूल में पढ़ती है। वहां भी सराहना नहीं मिली। 7 दिन में लखनऊ का सफर तय करेगी काजल प्रतिदिन 30 से 40 किलोमीटर दौड़ लगाएगी। उन्होंने पहला स्टापेज फाफामऊ जा कर लिया। जिसके बाद कुंडा में राजा भैया के आवास पर विश्राम की थी। जिसके बाद दूसरे दिन ऊंचाहार में विश्राम की थी। प्रशिक्षक रजनीकांत ने बताया है कि आज का विश्राम रायबरेली में करेंगी। 17 अप्रैल को लखनऊ पहुंचेंगी।
यहां सीएम योगी से मुलाकात होगी काजल बताती हैं वह एक एथलीट बनकर देश में तिरंगा लहराना चाहती है। उनके पास आगे की तैयारी के लिए संसाधन भले ही कम है लेकिन उनका सपना और जज्बा लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इसी उम्मीद के साथ वह दौड़ लगा रही है। आपको बता दें कि काजल उड़ीसा के शिशु मैराथन धावक व लिम्का बुक आफ रिकार्ड धारी बुधिया सिंह से प्रेरणा लेकर 16 दिन में 720 किलो मीटर दौड़ लगाकर रिकार्ड बना चुकी है। वह प्रयागराज से दिल्ली इंडिया गेट तक दौड़ कर पहुंच चुकी है। अब वह इस गर्मी में 210 किलो मीटर की दौड़ लगाकर प्रयाग राज से लखनऊ पहुंचेंगी।

Next Post

इस्लाम चाहता है सद्भाव और करुणा

(संजय […]
👉