ज्वालामुखी में ब्लाक क्षय रोग फोरम की ओर से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि समाज में क्षय रोग को मिटाने के लिये सरकार कोशिशों में जुटी है। उन्होंने कहा कि टीवी उन्मूलन के अभियान को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है और आम जनमानस को इसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी तभी हम इस रोग को मिटा पाएंगे।
ज्वालामुखी में ब्लाक क्षय रोग फोरम की ओर से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि समाज में क्षय रोग को मिटाने के लिये सरकार कोशिशों में जुटी है। उन्होंने कहा कि टीवी उन्मूलन के अभियान को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है और आम जनमानस को इसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी तभी हम इस रोग को मिटा पाएंगे। उन्होंने कहा टीबी अब असाध्य बीमारी नहीं है अब इसका इलाज सरल है तथा समय पर इलाज करवाने से रोगी पूर्णतया स्वस्थ हो जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस बीमारी को छुपाए नहीं और लक्षण होने पर तुरंत अपनी जांच करवाएं।
इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश सूद ने बताया की सबसे पहले साल 1962 में देश भर में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम शुरू किया और देश भर में जिला टीबी केंद्र स्थापित किये गए। इसके बाद 1993 में डब्लयूएचओ ने टीबी को लेकर वैश्विक आपात स्थिति घोषित की। 1997 में केंद्र ने डायरेक्टली ऑब्जर्वेंबल ट्रीटमेंट शॉर्ट कोर्स डीओटीएस की शुरुआत की। इसके बाद केंद्र ने 2005 से 2011 के बीच पूरे देश में अभियान चलाया। साल 2012 से 2017 के बीच राष्ट्रीय रणनीतिक योजना लाई गई जिसमें टीबी मामलों की अनिवार्य सूचना सुनिश्चित की गई।
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2018 से भारत सरकार टीबी के मरीजों के लिए निक्षय पोषण योजना चला रही है जिसके तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत उनको आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसमें 500 रुपये प्रतिमाह इलाज के दौरान दिए जा रहे हैं तथा बिगड़ी हुई टीबी के रोगियों को अतिरिक्त 1500 रुपये प्रति माह सरकार द्वारा दिए जाते हैं। उन्होंने बताया प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जाता है इस दिवस को मनाने का ध्येय लोगों को क्षय रोग अर्थात तपैदिक नामक बीमारी के विषय में जागरूक करना और क्षय रोग की रोकथाम के लिए कदम उठाना है।
इस अवसर पर ज्वालामुखी के बीएमओ पवन शर्मा , ब्लाक क्षय रोग पर्यवेक्षक अनिल ठाकुर व कई क्षय रोग का लाभ ले रहे मरीज भी उपस्थित रहे।