(देवेंद्र सिंह) महोली/ सीतापुर। एक तरफ प्रदेश सरकार वृक्ष लगाओ पानी दो जैसे तरह-तरह के स्लोगन लिखवा कर हरियाली कायम करना चाहती है वहीं क्षेत्रीय सांसद विधायक जनप्रतिनिधि सहित वन विभाग के द्वारा हर वर्ष लाखों की तादाद में वृक्ष लगाने का कार्य किया जाता है लेकिन दूसरी तरफ वन माफियाओं के द्वारा हरियाली पर आरा चलाने का धड़ल्ले से कार्य जारी है। फिर भी इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं जाता आखिर क्यों।
आपको बता दें कि वन रेंज कार्टरगंज महोली क्षेत्र के अंतर्गत रोजाना कहीं ना कहीं वन माफियाओं द्वारा हरे भरे पेड़ों पर आरा चलाने का कार्य किया जाता है जिसमें कुछ पेड़ों का कटान परमिट पर होता है और अधिकांश पेड़ बिना परमिट वन रेंज में तैनात क्षेत्रीय कर्मचारियों की मिलीभगत से कर लिया जाता है जिसकी जिम्मेदारों को भनक तक नहीं लगती और आपस में बंदरबांट कर लिया जाता है।
ऐसा ही कुछ वन रेंज क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण- काटरगंज वन रेंज क्षेत्र के ग्राम सदिकापुर सरैया मैं स्थित बिना परमिट काटे गए हरे भरे शीशम पेड़ स्वयं वयां कर रहे है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब इस मामले से वन रेंज में तैनात वन संरक्षण अधिकारी को अवगत कराया गया तो मामले की मौका जांच कराई गई और मामले को सत्य पाया गया जिस पर वन संरक्षण अधिकारी ने घ्9000 (नौ हजार) जुर्माना सहित कार्यवाही की जाने की बात कही। लेकिन बिना परमिट काटे गए हरे-भरे शीशम के पेड़ों से संबंधित मामले में एक वीडियो भी वायरल हुआ है जो वीडियो उस शख्स का बताया जा रहा है जिसने बिना परमिट हरे भरे शीशम के पेड़ों का कटान किया है जो अपना नाम कमाल बता रहा है जिसका कहना है कि वन रेंज में तैनात माली लालू ने रुपए 15000 लेकर पेड़ काटने की अनुमति दी थी फिलहाल यह बात कहां तक सत्य है इसका अभी कुछ अंदाजा नहीं लगाया जा सकता फिर भी कुछ तो गड़बड़ है जो हरे भरे शीशम के पेड़ काटकर मौके से गायब कर दिए गए और सूचना के मुताबिक क्षेत्रीय कर्मचारियों की मिलीभगत को लेकर चर्चाएं भी हैं ऐसे में जिस तरह क्षेत्र में बिना परमिट आम शीशम नीम जैसे हरे भरे पेड़ों पर आरा चलाने का कार्य किया जा रहा है इसमें कहीं ना कहीं वन रेंज के क्षेत्रीय कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है अब देखना यह है की इस मामले में वन संरक्षण अधिकारी सहित जिम्मेदार कोई कार्यवाही करेंगे या नहीं या इसी तरह वन माफियाओं द्वारा हरे भरे पेड़ों पर आरा चलाने का कार्य जारी रहेगा।
आखिर किसकी शह पर चल रहा हरियाली पर आरा और हो जाता है वारा न्यारा
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