ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या’’ कथन आद्यगुरु शंकराचार्य का वचन नहीं

RAJNITIK BULLET
0 0
Read Time2 Minute, 31 Second

‘‘
श्रीरामनगरी में पधारे पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा
(शमशाद सिद्दीकी) अयोध्या। पुरी पीठाधीश्वर श्रीमद जगदगुरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज आज अपराह्न काल अयोध्या पहुंचे। पूर्व आई एएस अधिकारी कैप्टन एस के द्विवेदी एवं श्री चन्द्रिका प्रसाद तिवारी सहित श्रीब्रह्म सागर संगठन के पदाधिका रियों तथा अयोध्या के उप जिलाधिकारी व सीओ सिटी ने उनका रेलवे स्टेशन पर स्वागत-अभिनंदन किया। बाद में श्री संकट मोचक हनुमान मन्दिर प्रांगण में प्रश्नो त्तर माला में जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर देते हुए शंकरा चार्य जी महाराज ने कहा कि दर्शन, विज्ञान और अध्यात्म में सामंजस्य रखने वाले धर्मगुरु ही सनातन धर्म व देवसंस्कृति का कल्याण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीरामनगरी अयोध्या इस विश्व में मानव निर्मित प्रथम राजधानी है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या पहुंचने वाले लोग बड़े सौभाग्यशाली होते हैं। श्रीशंकराचार्य ने हिन्दू शब्द को शास्त्रसम्मत बताया और कहा कि भावी समय हिन्दू संस्कृति का है, सनातन संस्कृति का है। श्रीमज्जग दगुरु शंकरा चार्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वे सभी तत्व विद्यमान हैं, जो मानव समाज के लौकिक और पारलौकिक सभी प्रकार का उत्कर्ष करने में सक्षम हैं। एक प्रश्न के उत्तर में शंकरा चार्य जी महा राज ने कहा कि ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्याश् कथन आद्यगुरु शंकराचार्य का वचन नहीं है, उसे उन्होंने किसी उद्बोधन के दौरान विषय पर चर्चा करते हुये उद्धृत किया था। उन्होंने महामंत्र गायत्री सम्बन्धी सवालों के उत्तर भी दिए।

Next Post

धरती पुत्रा मुलायम सिंह यादव जी का मनाया गया जन्मदिन

(आशीष […]
👉