थी।लेकिन स्थानीय प्रशासन ने मूर्ति लगाने की जगह नहीं दी। जिसके बाद जामनगर के हनुमान आश्रम में 15 नवंबर को हिन्दू सेना ने नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगाई थी। जिसे 16 की सुबह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तोड़कर गिरा दिया
गुजरात के जामनगर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगाने और तोड़ने को लेकर संग्राम छिड़ा है। जामनगर में हिन्दू सेना ने गोडसे की मूर्ति लगाई और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ये मूर्ति तोड़ दी। गांधी जी के हत्यारे गोडसे और आप्टे की फांसी के दिन यानी 15 नवंबर को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भी बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया था। पूरी घटना के बाद पुलिस ने वैमनस्य बढ़ाने के आरोप में दोनों पक्षों के सात लोगों को गिरफ्तार किया।
8 अगस्त को हिन्दू सेना ने नाथूराम गोडसे की प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी।लेकिन स्थानीय प्रशासन ने मूर्ति लगाने की जगह नहीं दी। जिसके बाद जामनगर के हनुमान आश्रम में 15 नवंबर को हिन्दू सेना ने नाथूराम गोडसे की मूर्ति लगाई थी। जिसे 16 की सुबह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तोड़कर गिरा दिया। बताया जा रहा है कि गोडसे की प्रतिमा को तोड़ते वक्त कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अपने गले में भगवा पट्टा डाल रखा था।
सात लोग गिरफ्तार
गोडसे की मूर्ति तोड़ने पर बवाल मच गया। पुलिस के अनुसार जामनगर ‘ए’ सभांग पुलिस थाने के निरीक्षक महावीर जालू ने कहा कि हिंदू सेना के सदस्यों द्वारा शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक मंदिर-सह-आश्रम में गोडसे की प्रतिमा स्थापित की गई थी। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार लोगों में संगठन का प्रमुख प्रतीक भट्ट भी शामिल है।
ग्वालियर में मनाया गया बलिदान दिवस
गौरतलब है कि गोडसे की मूर्ति लगाने का एक मामला इससे पहले मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भी सामने आया था। हिन्दू महासभा की तरफ से नाथूराम गोडसे का बलिदान दिवस मनाया गया। इसतके साथ ही हरियाणा के अंबाला सेंट्रल जेल से लाई मिट्टी से महात्मा गांधी के हत्यारों नाथूराम गोडसे और नारायण आपटे का तिलक किया। हिंदू महासभा की ओर से कहा गया है कि हरियाणा की अंबाला सेंट्रल जेल से लाई गई मिट्टी से नाथूराम गोडसे की मूर्ति बनाई जाएगी जहां 1949 में महात्मा गांधी के हत्यारे को फांसी दी गई थी।