वसीम रिजवी ने ‘मोहम्मद’ नाम से एक किताब लिखी है। वसीम रिजवी का दावा है कि ‘इस्लाम दुनिया में क्यों आया और इतना आतंकवादी विचार क्यों रखता है?’ इसी को यह किताब उजागर करती है।
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक किताब लिखी है जिसको लेकर विवाद बढ़ गया है। कहा ये जा रहा है कि ‘मोहम्मद’ नाम से लिखी गई किताब पैगंबर मोहम्मद साहब के चरित्र को उजागर करती है। रिजवी ने गाजियाबाद के डासना के महाकाली मंदिर में दर्शन करने के बाद महंत यति नरसिंहानंद से अपनी किताब का विमोचन करवाया है। वसीम रिजवी का दावा है कि किताब पूरी तरह से फैक्ट्स पर आधारित है और इसे लिखने के लिए 300 से ज्यादा किताबों और मुस्लिम ग्रंथों का रिफरेंस लिया गया है। वहीं विरोध होने पर वसीम रिजवी ने कहा है कि विरोध करने वालों को पहले ये किताब पढ़ लेनी चाहिए।
वसीम रिजवी का दावा है कि ‘इस्लाम दुनिया में क्यों आया और इतना आतंकवादी विचार क्यों रखता है?’ इसी को यह किताब उजागर करती है। इसके अलावा उनका दावा है कि ये किताब पैगंबर मोहम्मद साहब के चरित्र को उजागर करती है।
बैन किए जाने की मांग
शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने रिजवी की किताब को बैन किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी ने दुनिया के तमाम मुसलमानों के जज्बातों को ठेस पहुंचाई है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि इस तरह की हरकतें किसी खास मकसद को पूरा करने के लिए लगातार की जा रही हैं।
विरोध करने वाले पहले किताब पढ़ें
वसीम रिजवी का दावा है कि किताब पूरी तरह से फैक्ट्स पर आधारित है और इसे लिखने के लिए 300 से ज्यादा किताबों और मुस्लिम ग्रंथों का रिफरेंस लिया गया है। वहीं विरोध होने पर वसीम रिजवी ने कहा है कि विरोध करने वालों को पहले ये किताब पढ़ लेनी चाहिए।
कुरान की आयतों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका
वसीम रिजवी की तरफ से कुरान की 26 आयतों को क्षेपक यानी बाद में जोड़ी गई आयतें बताते हुए उनको पवित्र किताब से हटाने का आदेश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। उनका कहना है कि इतिहास गवाह है कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के निधन के बाद पहले खलीफा हजरत अबू बकर ने उन चार लोगों को पैगंबर हजरत मोहम्मद पर नाजिल अल्लाह पाक के मौखिक संदेशों को किताब की शक्ल में संग्रहित करने को कहा। तब तक हजरत के मुख से समय-समय पर निकले संदेशों को लोग पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक तौर पर ही याद करते रहे। कुरान की 26 आयतों को हटाने वाली मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वसीम रिजवी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।