सपा या कांग्रेस,क्या सियासत की चौसर पर सौदेबाजी में लगे हैं जयंत चौधरी?

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  • नवंबर 8, 2021  

2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन की चर्चा जोरों पर है। मगर कहानी में ट्विस्ट तब आया जब कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और जयंत की लखनऊ के एयरपोर्ट पर मुलाकात की तस्वीर वायरल हो गई

सपा या कांग्रेस,क्या सियासत की चौसर पर सौदेबाजी में लगे हैं जयंत चौधरी?

2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन की चर्चा जोरों पर है। मगर कहानी में ट्विस्ट तब आया जब कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और जयंत की लखनऊ के एयरपोर्ट पर मुलाकात की तस्वीर वायरल हो गई।आपको बता दे ये मुलाकात लखनऊ में बीते रविवार को हुई। दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर  सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। मुलाकात के तुरंत बाद सोमवार को अखिलेश यादव ने मीडिया को कहा कि सपा और रालोद का गठबंधन तय है सिर्फ सीटों का बंटवारा होना बाकी है।

जयंत चौधरी अपनी पार्टी रालोद के मैनिफेस्टो लांच के लिए रविवार को लखनऊ आए थे। मगर अखिलेश यादव के  चुनावी कार्यक्रमों में व्यस्तता के चलते दोनों नेताओं की नहीं हो पायी। चौधरी अजीत सिंह के निधन की सहानुभूति और किसान आंदोलन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद की दावेदारी को मजबूत करने का काम किया है। ऐसे में रालोद सहारनपुर , बागपत और मथुरा के बाहर की भी सीटों पर दावेदारी ठोंक रही है। मुस्लिम,जाट अन्य पिछड़ी जातियों से मिल रहे समर्थ ने  रालोद का हौसला बढ़ा दिया है।

सूत्रों के अनुसार पहले लगभग 22 सीटों पर रालोद और सपा के बीच सहमति बन गई थी पर अब किसान आंदोलन को मिले समर्थन को देखते हुए रालोद से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।

राजनैतिक जानकारों की माने तो कांग्रेस पार्टी भी उत्तर प्रदेश चुनाव में अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए किसी मजबूत क्षेत्रीय दल से गठबंधन का प्रयास कर रही है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की सक्रियता को देख कर तमाम दल दबाव में हैं। प्रियंका गांधी खुद रालोद से गठबंधन करने की इच्छा रखती हैं। उन्होंने पार्टी सांसद दीपेंद्र हुड्डा को इस काम में लगा दिया है। दीपेंद्र और जयंत दोनों ही दोस्त हैं और जाट बिरादरी के बड़े नेता माने जाते हैं। इस बीच प्रियंका और जयंत की मुलाकात ने गठबंधन की खबर में एक छौंक लगा दीया है। खैर चुनावी मौसम में कुछ भी हो सकता है और खासतौर से अगर कांग्रेस के प्लेन में रालोद के नेता जयंत चौधरी उड़ेंगे तो उसके सियासी मायने निकाले ही जाएंगे। आपको बता दें कि दिवाली के बाद अखिलेश और जयंत की मुलाकात भी तय है।

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